चढ़ाव के गीत : बुन्देली लोकगीत

Chadhaav Ke Geet : Bundeli Lok Geet

	

कोट नवै पर्वत नवै सिर नवाये न आवै

कोट नवै पर्वत नवै सिर नवाये न आवै। माथौ बबुल जू कौ जब नवै जब साजन द्वारै पै आवै। काना के भले मालिया जिनने बाग लगाये। काना की बेटी कोकिला फुल बीनन आई। जनकपुर के भले मालिया जिनने बाग लगाये। राजा जनक की बेटी कोकिला फुल बीनन आई। काना के भले कोटिया जिनने कोट उठाये। काना के बड़े तापसी चढ़ ब्याहुन आये। जनकपुर के भले कोटिया जिनने कोट उठाये अजुद्धा के बड़े तापसी चढ़ ब्याहुन आये। काना के नट बेड़िया तमासे हो आये। काना की बेटी सुहाग कों जिन्हें ब्याह रचाये। अजुद्धा के नट बेड़िया तमासे हो आये। जनकजू की बेटी सुहाग कों जिन्हें ब्याह रचाये।

रूनुक झुनुक पग धारियों बेटी राजन की

रूनुक झुनुक पग धारियों बेटी राजन की तुम आइ चढ़ाय के चौक। माथे की बेंदी संभालियों बेटी राजन की। रूनुक झुनुक पग धारियौ... गले को हरवा संभारियो बेटी राजन की। तुम आई... हाथन के कंगना संभारियों बेटी राजन की। तुम आई... पाँवन की पायलिया संभारियो बेटी राजन की। तुम आईं चढ़ाय के चौक।

आज श्री सियाजू कौ चढ़त चढ़ाव

आज श्री सियाजू कौ चढ़त चढ़ाव नव मण्डप कै नैचै जू। धनरू धन्य दशरथ ने ऐसौ समय पाऔ नव मण्डप... शीशफूल ल्याये, माँग मुतियन पुराये, बाँह बाजूबंद ल्याये नव मण्डप... गुंज गोप आये कान कर्नफूल भाये, नाक बेसर सुहाये नव मण्डप... कटि किंकिनी सुहाई, नारि नरन खों जो भाई, राजा जनक सुक्ख पाये नव मण्डप...

हरी बगिया हरे केला लगाये

हरी बगिया हरे केला लगाये नये साजन आये। इन साजन के बेंदी भी नइया बेंदी भी नइया अरे चार दिना झूमर हमने पहराये नये साजन आये। इन साजन कें झुमकी भी नइया झुमकी भी नइया अरे चार दिना कर्नफूल हमने पहराये नये साजन आये। इन साजन कें हरवा भी नइया हरवा भी नइया अरे चार दिना गोप हमने पहराये नये साजन आये। इन साजन कें चूड़ी भी नइया चूड़ी भी नइया अरे चार दिना कंगना हमने पहराये नये साजन आये। इन साजन कें पायल भी नइया पायल भी नइया अरे चार दिना लच्छा हमने पहराये नये साजन आये।

हरे मंडप के तरें देख जाव जू चढ़ै

हरे मंडप के तरें देख जाव जू चढ़ै सियाजू कौ चढ़ाव जू। पंडित ने शुभ समय बतायौ, रूच रूच मोतिन चौक पुरायौ, पूजन कौ सामान मंगायौ, पाछें सीता कों बुलवायौ प्रथम गौरी सुत पूजन करवाव जू। चढ़ै सिया जू... दशरथ चतुर सुजान सुर नर मुनि संग में गुणवान ल्याये तीर चढ़ाव महान, ताकौ करो न जात बखान झलक रहौ प्रेम प्रथा को प्रभाव जू। चढ़े सिया जू... कन्या के हाथन सुखदाई, बुध ने बेद रीत करवाई शुभ सेंदुर से माँग भरवाई शोभा कछु बरनी ना जाई बसन भूषन कौ टिपन्ना खुलाव जू। चढ़ै सिया जू... घांघर रम्य रेशमी बारौ लामौं चोड़ौ घूम घुमारो, गोटा कामदार अति प्यारौ, डोरा बड़ौ मोल कौ डारौ पक्की जरकस कौ बीच में भराव जू। चढ़ै सिया जू... सारी जरतारी अति प्यारी तामें मोतिन टकी किनारी है अनमोल खलाई प्यारी पनरस शोभा देवै भारी गठजोरे कौ पिछौरा उड़ाव जू। चढ़े... सिर पै सीसफूल दरसावत बर बेंदिया विचित्र सुहावत बेंदा सुख सोभा सरसावत कानन कन्नफूल मन भावत हीरा पन्ना कौ जड़ौं है जुड़ाव जू। चढ़े सिया जू... मोतिन माला और तिधानो चंपा कली ठुसी सद्धानों सुन्दर हार हमेल सुहानो, गानौ और सुनाऊँ कानौ... नीकौ बाजूबंद बरन कौ बनाव जू। चढ़े सिया जू... गुंजे गजरा औ गजरिया केकना बगुवाँ अरू बंगालियाँ चूरा चारू पटेला चुरियाँ अंगुरिन छल्ला छाप मुदरियाँ नव रतन कौ जमौ है जमाव जू। चढ़े सिया जू... पॉयन पायजेब पैजनिया जिनमें सोहत है रून झुनिया दस-आँगुरो सु दसउ अंगुरिया माहुर लागौ लगा लगनियाँ दास कहैं जुर मिल गुन गाव जू। चढ़े सिया जू...

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