बनरा-बनरी : बुन्देली लोकगीत

Banra-Banri : Bundeli Lok Geet

	

मेरी छत्रसाल राजन कौ बनरा

मेरी छत्रसाल राजन कौ बनरा क्या क्या माँगे रे। बनरा हाथी मांगे हौदा उस पर अंकुश माँगे रे। बनरा हाथी के बैठइया राजा राम माँगे रे। बनरा घोड़ा मांगे पलैचा उस पर चाबुक माँगे रे। घोड़न के बैठइया लाला लक्ष्मण माँगे रे। बनरा ऊँट मांगे नौबद उस पर डंका माँगे रे। बनरा ऊँटन के बैठइया लाला भरत माँगे रे। बनरा मोट माँगे कार उस पर हार्न माँगे रे। मोटर के बैठइया लाला शत्रुघ्न माँगे रे।

नगर में शोर भारी है

नगर में शोर भारी है न जाने किनकी शादी है। बना के आजुल से पूछों बना की आजी सें पूछो उन्होंने हँस के फरमाया मेरे नाती की शादी है। नगर में शोर... बना के बाबुल से पूछों बना की मैया सें पूछों उन्होंने हँस के फरमाया हमारे बेटे की शादी है। नगर में... बना के काकुल से पूछों बना की काकी सें पूछो उन्होंने हँस के फरमाया मेरे भतीजे की शादी है।

दूर खेलन जिन जाओ बन्नी उतें सें

दूर खेलन जिन जाओ बन्नी उतें सें बारे दूल्हा आ जैहें। बारे दूल्हा आवें मेरो का करें मैं खेलों आजुल दरबार। हटकौ न मानौ बन्नी लाड़ली उतें सें सियावर आ गये। आजी की उलियन बन्नी छिप रई। आजी कौ डंड़िया झिर झिरो नग नग देहिया दिखाय सो उलिया छिपाय बेटी न छिपे हटकौ न मानौ बन्नी लाड़ली उतें से सियावर आ जैहें। दूर खेलन... बारे दूल्हा आवें हमरौ का करें मैं खेलों बाबुल दरबार। हटकौ न मानौ बेटी लाड़ली उतें सें सियावर आ गये। मैया की उलियन बेटी छिप रई मैया की डंड़िया झिर झिरौ नग नग देहिया दिखाय। सो उलिया छिपाय बेटी न छिपे औ हटकौ न मानें बेटी लाड़ली उतें सें सियावर आ जैहें।

छमाछम नाच रई गंगा

छमाछम नाच रई गंगा हिलौरें ले रई जमुना। बन्नी की माथे की बेंदी अबै बम्बई से आई है। खुशी सें पैन लों बन्नी तुम्हें ससुरा कें जानें हैं। छमाछम... बन्नी के कानों के झूमर अबै दिल्ली सें आये हैं। खुशी से पैन लों बन्नी तुम्हें ससुरा कें जानें हैं। छमाछम... बन्नी के गले का हरवा अबै मदरास से आयो है। खुशी से पैन लों बन्नी तुम्हें ससुरा कें जानें हैं। छमाछम... बन्नी के पैरों की पायल अबै कलकत्ता से आईं हैं। खुशी से पैन लो बन्नी तुम्हें ससुरा कें जानें हैं। छमाछम...

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