बन्ना गीत : बुन्देली लोकगीत

Banna Geet : Bundeli Lok Geet

	

आज जनकपुर ब्याह सखी री

सीता के चढ़त चढ़ाये, अवधपति ब्याहन को आये। सुरहन गौ को गोबर मंगाओ, ओई से अंगना लिपाये। अवधपति ब्याहन को आये। सीता... सोने के पाटा में सीता जी बैठीं मुतियन चौक पुराये। अवधपति ब्याहन को आये। सीता... ठांड़े जनक मन में मुस्काये समरथ के नात हम पायें, अवधपति ब्याहन को आये। सीता... जनकपुर में मंगल छाये, सब के मन हर्षाये। अवधपति ब्याहन को आये। सीता...

आज भोले बाबा को ब्याह रचो है

आज भोले बाबा को ब्याह रचो है। आज भोले बाबा... कैसे-कैसे बराती हैं आये कैसे-कैसे साज सजो है। आज... भूत पिशाच बराती हैं आये नारद वीणा को साज सजो है। आज... शंकरजी की बैला सवारी डम-डम डमरू कैसो बजो है। आज... गिरजा जी तो खुशी भईं हैं जनम-जनम को साथ मिलों है। आज...

इन गलिन हो के लइयो री

इन गलिन हो के लइयो री, रघुनाथ बन्ना खों। मोर मुकुट सिर बांधौ राजा बनरे, कलगिन साज सजइयो री। रघुनाथ बन्ना खों। कानन कुण्डल पैरों राजा बनरे, झेलन साज सजइयो री। रघुनाथ बन्ना खों। छतियन बागौ पैरों राजा बनरे, पनरस साज सजइयो री। रघुनाथ बन्ना खों। हांथन घड़िया बांधो राजा बनरे, कंगन साज सजइयो री। रघुनाथ बन्ना खों। पांवन मौजा पैरों राजा बनरे, माहुर साज सजइयो री। रघुनाथ बन्ना खों। इन गलिन हो कें लइयो री। रघुनाथ बन्ना खों।

कंकड़ी मत मारो हरियाले

कंकड़ी मत मारो हरियाले नीली घोड़ी बिचक रही हैं माथे बन्ना के शेहरा सोहे कलगी उसकी चमक रही है। कंकड़ी... कानों बन्ना के कुण्डल सोहे झेले उसके चमक रहे हैं। कंकड़ी... हाथों बन्ना के कंगन सोहे घड़ियां चमक रही हैं। कंकड़ी... संग बन्ना के जोड़ी सोहे डोली उसकी चमक रही है। कंकड़ी...

छूटौ री मोरी गुइयां जनकपुर

छूटौ री मोरी गुइयां जनकपुर अवधपुरी को लये जात हैं, लक्ष्मणजी के भैया। जनकपुर छूटौ... राजा जनक से बाबुल छूटे, रानी सुनैना सी मैया छूटीं लक्ष्मी निधि से भैया छूटे, ऋद्धि सी भोजइया। जनकपुर... मिल लो री सब सखी सहेली, अब मिलने को नैयां। जनकपुर... छूटौ री मोरी गुइयां जनकपुर

जगाय लाओ सखी बन्ना सोवत अटरिया

जगाय लाओ सखी बन्ना सोवत अटरिया मोर मुकुट सिर बांधो राजा बनरे, कलगिन बीच अनार की कली, कचनार की कली, सखी लगत नजरिया जगाय... माथे खौरें काढ़ो राजा बनरे, टिपकन बीच अनार की कली, कचनार की कली, सखी लगे न नजरिया। जगाय... झेलन बीच अनार की कली, कचनार की कली, सखी लगे न नजरिया कण्ठन गूंजे पैरों राजा बनरे, गोपिन बीच अनार की कली, कचनार की कली, सखी लगे न नजरिया। जगाय... अंगे बागो पैरों राजा बनरे, पनरस बीच अनार की कली, कचनार की कली, सखी लगे न नजरिया। जगाय... हांथन घड़िया बांधो राजा बनरे, कंगन बीच अनार की कली, कचनार की कली, सखी लगे न नजरिया। जगाय... पांवन मोजा पैरों राजा बनरे, माहर बीच अनार की कली, कचनार की कली, सखी लगे न नजरिया। जगाय...

जनक जी सत्य प्रतिज्ञाकारी

जनक जी सत्य प्रतिज्ञाकारी मिथिलापुर में रचो स्वयंवर, भयो शोर जग भारी। जनकजी... देश-देश के जुरे महीपति, अमित तेज बलधारी। जनकजी... राजसमाज कुंअर दोऊ आये, लखि मोहे नर नारी। जनकजी... राउं सहस दस चाप चढ़ावें, तिल भर टरे न टारी। जनकजी... बैठे देख महीपति हारे, भये मिथलेश दुखारी। जनकजी... रानी सुनैना व्याकुल सिय लखि, उठे राम धनुधारी। जनकजी... गुरु को कर प्रणाम मन ही मन, दृष्टि चाप पे डारी। जनकजी... कंचन कुंअरि निमिष महुं टोरयो, जय धुनि सुरन उचारी। जनक जी...

जे कौशिल्या के जाये री, सखी रूप सलोना

जे कौशिल्या के जाये री, सखी रूप सलोना धन्य-धन्य इन माता कौशिल्या, जिनने जे सुत जाये री। सखि रूप सलोना धन्य-धन्य उन राजा दशरथ खों, जिनके लाल कहाये री। सखि रूप सलोना धन्य-धन्य उन माता कैकेयी खों, जिनने पालना झुलाये री। सखि... धन्य-धन्य उन राजा जनक खों, जिन घर ब्याहुन आये री। सखि... धन्य-धन्य उन बारी सिया खों, जिनने जे बर पायेगी। सखि... धन्य-धन्य उन सब सखियन खों, जिनने मंगल गाये री। सखि...

देखो सखी छवि राम बन्ना की

देखो सखी छवि राम बन्ना की माथे मौर खौर केसर की, कजरारी अंखियन सुरमा की। देखो... श्याम गात केसरिया बागो, कानन कुण्डल कर कंगना की। देखो... ब्याह विभूषण राजत अंगन, शोभा हरन नैन मद बांकी। देखो... कंचन कुंअरि कहां लग बरनौ, बाकी अजब झरोखन झांकी। देखो सखी छवि राम बन्ना की।

बने हैं बन्ना गणपति देवा

बने हैं बन्ना गणपति देवा, बने हैं बन्ना गणपति देवा जिनखों प्रिय हैं, मोदक मेवा। बने हैं... मां तो पार्वती हैं इनकी पिता तो इनके हैं महदेवा। बने हैं... ऋद्धि-सिद्धि घर ब्याहन जायें। ब्रम्हा विष्णु और महदेवा। बने हैं... नारद वीणा बजावत आयें फूले नहीं समायें महदेवा। बने हैं...

बन्ना तो मेरा चांद सा

बन्ना तो मेरा चांद सा, लग जाये नजरिया ना बन्ना की माया दौड़ी आई, काजल टीका लगाई बन्ना, लग जाये नजरिया ना। बन्ना... बन्ना की भाभी दौड़ी आई राई नौन उतारी, लग जाये नजरिया ना। बन्ना... बन्ना की बहिना दौड़ी आई, झट से आरत उतारी, लग जाये नजरिया ना। बन्ना... सखियां मिलके बन्ना गावें, फूलों से करती बौछारें। लग जाये नजरिया ना। बन्ना...

बन्ना धीरे चलो ससुराल गलियां

बन्ना धीरे चलो ससुराल गलियां बन्ना सेहरा संभालेंगी सब सखिया। जिनके लम्बे-लम्बे हाथ हरीली चुड़ियां। बन्ना... जिनके कुण्डल संभालेंगी वही सखियां। जिनके लम्बे-लम्बे हाथ हरीली चुड़ियां। बन्ना... बन्ना बागों संभालेंगी बोई सखियां जिनके लम्बे-लम्बे हाथ हरीली चुड़ियां। बन्ना... बन्ना डोली संभालेंगी बोई सखियां जिनके लम्बे-लम्बे हाथ हरीली चुड़ियां। बन्ना...

ब्याह के आये अवध नगरिया

ब्याह के आये अवध नगरिया अवध नगरिया, अवध नगरिया। ब्याह के... खुशी भये हैं सब नर नारि नाचै दे दे तारी। ब्याह के... पंडित गुरू मुनि वेद उचारे फूलों से करती बौछारें। ब्याह के... माता कौशिल्या सुमित्रा कैकेयी आरत उतारे तीनों मैया। ब्याह के... राम लक्ष्मण भरत शत्रुघन खुशी भये हैं चारों भैया। ब्याह के... हीरा मोती लुटायें राजा दशरथ और लुटायें रुपैया। ब्याह के...

ब्याहन आए दोऊ कुंअर जनकपुर

ब्याहन आए दोऊ कुंअर जनकपुर धन्य-धन्य भाग्य तुम्हारे राजा दशरथ, जिनने जे सुत पाये री हां कुंअर। जनकपुर... धन्य-धन्य भाग्य तुम्हारे कौशिल्याजी, जिनने गोद खिलाये री हां कुंअर। जनकपुर... धन्य-धन्य भाग्य तुम्हारे सियाजी, जिनने जे वर पाये री हां कुंअर। जनकपुर... धन्य-धन्य भाग्य अवधवासिन के, जिनने दर्शन पाये री हां कुंअर। जनकपुर...

भावे री बन्ना राम सलौना

भावे री बन्ना राम सलौना श्यामली सूरत माधुरी मूरत चितवन में सखी डारत टोना। भावे री... ब्याह विभूषण सोहत सुंदर, देखि रूप छवि बरन सकों ना। भावे री... जनक नगर में कहर मचो है, भूले पलक-ललक सुख सोना। भावे री... कंचन कुंअरि बन्ना दशरथ को, मो जीवन धन जगत निरौना। भावे री...

भोला खों देख ना सुहानी

भोला खों देख ना सुहानी खड़ी रोवें आज मैना रानी। अपने जियत बेटी इनखों न ब्याहो ये तो भले भोला दानी। खड़ी रोवें आज मैना रानी। ऐसी बरात कभऊं देखे हम नैयां लड़का महरिया डरानी। खड़ी रोवें आज मैना रानी। बेटी उमा तुमने कहना ना मानो ऐसन खों तप करवे ठानी। खड़ी रोवें आज मैना रानी। पूरब जनम जो लिख दओ विधाता बा ना टरे तुम हो सयानी। खड़ी रोवें आज मैना रानी।

मोरी बन्नी नादान

मोरी बन्नी नादान, आजुल जी से अरज करें मोको ऐसे घर दिया महाराज, जहाँ बेटी राज करे। मोरी... जहाँ ब्राम्हण तपत रसोईं, कहार जहाँ पानी भरे। मोरी... मोरी झूलों की झूलनहारी, कटौरन दूध पिये। मोरी... मोरी रुपयों की परखनहारी, भुहरों का मोल करे। मोरी... मोरी छज्जे की पोड़नहारी, झरोखन बाव ढरे। मोरी...

राजा दशरथ फूले न समाय

राजा दशरथ फूले न समाय, लगुन आई मोरे अंगना। आजुल फूले, आजी फूलीं, फूला सब परिवार। बन्ना मेरा ऐसा फूला, जैसे फूले गुलाब। लगुन आई मोरे अंगना। माया फूली बाबुल फूले, फूला सब परिवार। बन्ना मेरा ऐसा फूला, जैसे फूले गुलाब। लगुन आई मोरे अंगना। मामा फूले मामी फूली, फूला सब परिवार। बन्ना मेरा ऐसा फूला, जैसे फूले गुलाब। लगुन आई मोरे अंगना जीजा फूले जीजी फूली, फूला सब परिवार। बन्ना मेरा ऐसा फूला, जैसे फूले गुलाब। लगुन आई मोरे अंगना।

रानी कौशिल्या के ललना

रानी कौशिल्या के ललना, सुधर बन आये ललना। शीश पे सोहे कंकरेजी चीरा कैसे लगे हैं फुंदना। सुधर... तैंतीस कोटि बराती आये, राजा जनक के अंगना। सुधर... रूप रंग सब मोह लिये है, मणि माणिक लगे कंगना। सुधर... तन सोहे केसरिया जामा, सखियां गावें बन्ना। सुधर...

लये धनुष बन्ना ठांड़े री

लये धनुष बन्ना ठांड़े री, कोई जोड़ी तो मिलाय लो। माथे मोहर बांधो राजा बनरे, कलगी संवारे सिया जानकी कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें... नैनन सुरमा आंजो राजा बनरे, भौंहें संवारे सिया जानकी कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें... मुख भर बिरियां चावो राजा बनरे लाली संवारे सिया जानकी कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें... अंगे जामा पेरों राजा बनरे, पनरस संवारे सिया जानकी कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें... पांवो जूता पेरों राजा बनरे, मौजा संवारे सिया जानकी कोई जोड़ी तो मिलाय लो। लयें...

शहजादी बन्नी लाड़ली

शहजादी बन्नी लाड़ली, फुलबगिया घूमन गयी आज। आजा जी उनके वर ढूड़न निकले शहजादी बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात। शहजादी... बाबुल जी उनके वर ढूड़न निकले। शहजादी बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात। चाचाजी उनके वर ढूड़न निकले, शहजादी बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात। भैया जी उनके वर ढूड़न निकले, बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात। मामाजी उनके वर ढूड़न निकले, बन्नी घर चलो, दरवाजे पे सजी है बारात।

श्याम तेरी नजरिया जादू करे

श्याम तेरी नजरिया जादू करे। तिरछी तकन तीर सी लागे, नर नारिन बेहाल करे। श्याम... सिर पर ताज, जुल्फ घुंघरारी, मोहन माला गुंज गले। श्याम... श्यामल गात केसरिया जामा, श्रवणन कुण्डल मुख परे। श्याम... कुंचन कुंअर देखि छवि मूरत, नासामणि मोरे प्राण हरे। श्याम...

सखि आये हैं अवधकुमार

सखि आये हैं अवधकुमार मिली है शुभ घड़िया। पचरंग पाग पे मोर सुहावे, सेहरे पे छाई बहार, मिली है शुभ घड़िया। सखि... कानों में कुण्डल हाथ में कंगन, गले में मुतियन हार, मिली है शुभ घड़िया। सखि... श्याम गात केसरिया जामा, गोटा लगे हैं किनार, मिली है शुभ घड़िया। सखि...

सखी आज कैसी मनोहर घड़ी है

सखी आज कैसी मनोहर घड़ी है, गले राम जयमाल सुंदर पड़ी है। कलियों में कलियाँ और लड़ियों में मोती चमकती वो शेहरे की पंखुड़ी है। सखी... जरा बांध दो कोई नौसे का सेहरा, लये रंगभूमि में मालिन खड़ी है। सखी... मिले हर लड़ी पे हमें सौ असर्फी इसी बात पे आज मालिन अड़ी है। सखी... नहीं आज फूला समाता अवधपुर खुशी आज रानी कौशिल्या बड़ी है। सखी... भई आज शादी सियाराम जी की खुशी आज राजा जनक को बड़ी है। सखी...

सखी बन्ना लख आई

सखी बन्ना लख आई, मेरे नैनों से छवि नहिं जाए। सिर शोभित सोने को सेहरा, फंुदरी रतन जड़ाय। मेरे नैनों से... चंदन खौर जुल्फ घुंघराली, अंजन नयन सुहाय। मेरे नैनों से... चितवनि बान चलावत मोहिसे, मारे मृदु मुस्काय। मेरे नैनों से... कंचन कुंअरि सिया वर प्यारो, लै गये चित्त चुराय। मेरे नैनों से... सखी बन्ना लख आई, मेरे नैनों से छवि नहिं जाए।

सुकुमार प्यारी बन्नी, धीरे चलो

सुकुमार प्यारी बन्नी, धीरे चलो सुकुमार माथे बन्नी के बेंदी भी सोहे, झूमर को लेना संभाल, संभाल प्यारी बन्नी। धीरे... कानों बन्नी के कुण्डल सोहे, झुमका को लेना संभाल, संभाल प्यारी बन्नी। धीरे... गले बन्नी के हरवा सोहे, लाकेट को लेना संभाल, संभाल प्यारी बन्नी। धीरे... हाथ बन्नी के कंगन सोहे, चूड़ी को लेना संभाल, संभाल प्यारी बन्नी। धीरे... पांव बन्नी के पायल सोहे, बिछिया को लेना संभाल, संभाल प्यारी बन्नी। धीरे... संग बन्नी के बन्ना भी सोहे, जोड़ी को लेना संभाल, संभाल प्यारी बन्नी। धीरे...

सुकुमार सिया प्यारी

सुकुमार सिया प्यारी, धीरे चलो सुकुमार। देश-देश के भूप जुरे हैं, कर-कर के अपनो शृंगार, शृंगार सिया प्यारी। धीरे चलो... कंकन किंकिन नूपर धुन-सुन, त्रिभुवन की झंकार। धीरे चलो... राजा जनक की कुंवारी है कन्या, अति कोमल सुकुमार, सुकुमार सिया प्यारी। ले वर माला राम गले डाली, हो रही है जय-जयकार, जयकार सिया प्यारी।

सो गये सीताराम चलो सखि

सो गये सीताराम चलो सखि कंचन महल पलंग जड़ित मणि, सुन्दर सेज मुलायम। चलो सखि... प्रीतम प्रिया प्रेम युत पोड़े, कृपासिंधु सुखधाम। चलो... जुगल स्वरूप अनूप रूप लखि, मोहित भये रति राम। चलो... जिन-जिन ध्यान कियो प्रभु पद नित, तिन-तिन अमृत अराम। चलो... वंश गोपाल गोपाल लाल छवि, निरखत आठों धाम। चलो सखि...

हां हां रे मेरा अच्छा बन्ना

हां हां रे मेरा अच्छा बन्ना, देखो री मेरा प्यारा बन्ना। सारे बराती पैदल आये, हाथी के हौदे पे आया बन्ना। हरियाला बन्ना, शहजादा बन्ना, हां हां रे मेरा प्यारा बन्ना। सारे बराती तारे से चमके, चन्दा सा चमके मेरा बन्ना। हरियाला बन्ना, शहजादा बन्ना, हां हां रे मेरा प्यारा बन्ना। सारे बराती रुपया लाये, मोहरे असर्फी लाया बन्ना। हरियाला बन्ना, शहजादा बन्ना, हां हां रे मेरा प्यारा बन्ना। सारे बराती नीचे सोये, लाल पलंग पे बन्ना। हरियाला बन्ना, शहजादा बन्ना, हां हां रे मेरा प्यारा बन्ना। हां हां रे मेरा अच्छा बन्ना, देखो री मेरा प्यारा बन्ना। हरियाला बन्ना, शहजादा बन्ना, हां हां रे मेरा प्यारा बन्ना।

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