शब्द राग परजिया (परज) : संत दादू दयाल जी

Shabd Raag Parjiya/Paraj : Sant Dadu Dayal Ji

शब्द राग परजिया (परज) संत दादू दयाल जी
(गायन समय रात्रि 3 से 6)

1 खेमटा ताल

नूर रह्या भरपूर, अमी रस पीजिए,
रस माँहीं रस होइ, लाहा लीजिए।टेक।
परकट तेज अनंत, पार नहिं पाइए।
झिलमिल झिलमिल होइ, तहाँ मन लाइए।1।
सहजैं सदा प्रकाश, ज्योति जल पूरिया।
तहाँ रहैं निज दास, सेवक सूरिया।2।
सुख सागर वार न पार, हमारा बास है।
हंस रहैं ता माँहीं, दादू दास है।3।

।इति राग परजिया (परज) सम्पूर्ण।

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