नीलामम्बरा महादेवी वर्मा

Nilambara Mahadevi Verma

'नीलामम्बरा' में अन्य काव्य संग्रहों से ली गई प्रकृति से सम्बन्धित रचनायें हैं ।

  • नए घन
  • यह संध्या फूली सजीली
  • रश्मि-चुभते ही तेरा अरुण बान
  • मुर्झाया फूल
  • पपीहे के प्रति
  • ओ पागल संसार
  • रुपसि तेरा घन-केश पाश
  • हौले हौले बोल
  • ओ विभावरी
  • घूँघट-मत अरुण घूँघट खोल री
  • मधु-बयार-जाने किस जीवन की सुधि ले
  • संसार
  • पंकज-कली
  • रे पपीहे पी कहाँ
  • शेफालिके-री कुंज की शेफालिके
  • जाग जाग सुकेशिनी री
  • आज सुनहली वेला
  • लय गीत मदिर
  • रागभीनी तू सजनि
  • ओ अरुण वसना
  • कोकिल गा न ऐसा राग
  • कहाँ से आये बादल काले
  • रजनी ओढ़े जाती थी-मेरा राज्य
  • प्रतीक्षा
  • तुहिन के पुलिनों पर-जीवन
  • फूल-मधुरिमा के, मधु के अवतार
  • विहंगम-मधुर स्वर तेरे
  • मिट चली घटा अधीर
  • सपने जगाती आ
  • विहग-से गान
  • मेघ सी घिर झर चली मैं
  • ओ चिर नीरव
  • चातकी हूँ मैं
  • हे चिर महान्
  • तू भू के प्राणों का शतदल
  • नव घन आज बनो पलकों में
  • जग करुण करुण, मैं मधुर मधुर
  • बीन भी हूँ मैं तुम्हारी रागिनी भी हूँ
  • मैं किसी की मूक छाया हूँ न क्यों पहचान पाता
  • संकेत-भरा नभ
  • जाने किसकी स्मित रूम-झूम
  • चिर नूतन
  • री सजनि
  • कभी
  • देखो
  • अतिथि से
  • प्रिय चिरन्तर है सजनि