हरी घास पर क्षण भर अज्ञेय
Hari Ghaas Par Kshan Bhar Agyeya

  • देखती है दीठ
  • क्षमा की वेला
  • एक आटोग्रॉफ़
  • तुम्हीं हो क्या बन्धु वह
  • प्रणति
  • राह बदलती नहीं
  • विश्वास का वारिद
  • किरण मर जाएगी
  • शक्ति का उत्पाद
  • पराजय है याद
  • दीप थे अगणित
  • खुलती आँख का सपना
  • पावस-प्रात
  • सागर के किनारे
  • दूर्वांचल
  • कितनी शान्ति ! कितनी शान्ति !
  • कतकी पूनो
  • वसंत की बदली
  • मुझे सब कुछ याद है
  • अकेली न जैयो राधे जमुना के तीर
  • जब पपीहे ने पुकारा
  • माहीवाल से
  • शरद
  • क्वाँर की बयार
  • सो रहा है झोंप
  • उनींदी चाँदनी
  • सवेरे सवेरे
  • सपने मैंने भी देखे हैं
  • पुनराविष्कार
  • हमारा देश
  • जीवन
  • नई व्यंजना
  • कवि, हुआ क्या फिर
  • बंधु हैं नदियाँ
  • हरी घास पर क्षण भर
  • पहला दौंगरा
  • मेरा तारा
  • आत्मा बोली
  • कलगी बाजरे की
  • नदी के द्वीप
  • छंद है यह फूल
  • बने मंजूष यह अंतस्