Guru Teg Bahadur Sahib
गुरू तेग बहादुर साहिब

गुरू तेग़ बहादुर साहिब (१ अप्रैल १६२१ -११ नवंबर १६७५) छटे गुरू हरगोबिन्द साहिब जी के पाँच पुत्रों में से सब से छोटे थे, उन की माता जी का नाम नानकी था। वह २० मार्च, १६६५ को सिक्खों के नौवें गुरू बने। मुग़ल बादशाह औरंगजेब सारे भारत को ही इस्लामी देश बनाना चाहता था। उस के सताए कश्मीरी पंडित गुरू जी के पास आए। गुरू जी के कहने पर उन्होंने हकूमत को कहा कि यदि गुरू जी मुसलमान बन जाएँ, तो वह सभी मुसलमान बन जाएंगे। गुरू जी को धर्म न छोड़ने और करामात न दिखाने के लिए २४ नवंबर १६७५ को और सिक्खों भाई मति दास, भाई सती दास और भाई दयाला जी समेत शहीद कर दिया गया। उन के ५९ शब्द और ५७ श्लोक गुरू ग्रंथ साहब में दर्ज हैं।