Bhai Gurdas Ji
भाई गुरदास जी

भाई गुरदास जी (१५५१ -२५ अगस्त १६३१) का जन्म पंजाब के एक छोटे से गाँव गोइन्दवाल में हुया । उनके पिता जी भाई ईशर दास और माता जीवनी जी थे। वह गुरू अमर दास जी के भतीजे थे।वह लेखक, इतिहासकार और प्रचारक थे। उन्होंने सब से पहले १६०४ में आदि ग्रंथ अपने हाथों लिखा। वह पंजाबी, संस्कृत, ब्रजभाषा और फ़ारसी के प्रसिद्ध विद्वान थे। उन्होंने पंजाबी, ब्रजभाषा और संस्कृत में काव्य रचना की। पंजाबी में वह 'वारां भाई गुरदास' के लिये जाने जाते हैं। ब्रजभाषा में उनके कबित्त और सवैये उच्चकोटि की रचना हैं । गुरू अर्जुन देव जी ने उन की रचना को गुरबानी की कुंजी कहकर सम्मान किया।

भाई गुरदास जी की रचनाएँ