Ashfaqulla Khan
अशफ़ाक उल्ला खाँ

शहीद अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ (22 अक्तूबर 1900-19 दिसम्बर 1927) भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के प्रमुख क्रान्तिकारी थे। उन्होंने काकोरी काण्ड में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। ब्रिटिश शासन ने उनके ऊपर अभियोग चलाया और १९ दिसम्बर सन् १९२७ को उन्हें फैजाबाद जेल में फाँसी पर लटका दिया गया। राम प्रसाद बिस्मिल की भाँति अशफ़ाक़ उल्ला ख़ाँ भी उर्दू भाषा के बेहतरीन शायर थे। उनका उर्दू तखल्लुस हसरत था। उर्दू के अतिरिक्त वे हिन्दी व अँग्रेजी में लेख एवं कवितायें भी लिखा करते थे। उनका पूरा नाम अशफ़ाक़उल्ला ख़ाँ वारसी हसरत था। भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम के इतिहास में वे हिन्दू-मुस्लिम एकता के प्रतीक थे।